सत्य से परे ,
एक सत्य की तलाश,
जीवन की परतों के भीतर,
वर्जित है प्रवेश मेरा,
कहीं,
मैं स्वयं की यात्रा न कर लूँ,
वर्जनाओं के तांडव के बीच,
जारी है तलाश,
सत्य से परे,
एक सत्य की |
(रचना-तिथि:---15-02-1998)
बस इसी तलाश में ज़िंदगी गुज़र जाती है ..अच्छी अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंबढ़िया पोस्ट , आभार .
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