हँसते होंठों के बीच,
और,
मुस्कुराती पलकों में,
अनदेखे,अनजाने,
कई देश बसते हैं
मगर,
इन देशों तक पहुँचने के लिए,
पहले,
गुज़रना पड़ता है,
रोते हुए कलेजों की,
पगडंडियों से |
(रचना-तिथि:---28-06-1995)
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