ख़्याल ही की बात है
तेरा मेरा साथ है
यां पहले भी रात थी
यां अब भी रात है
ये बिखरी-बिखरी ज़िन्दगी
जाने किस की सौग़ात है
तुझ को भूल जाएँ हम
ये भी कोई बात है ?
ग़म का झुरमट छाया है
अश्क़ों की बरसात है
पहले भी में तन्हा था
अब भी कौन साथ है
आज चुप-चुप है 'कुमार'
इस में भी कोई बात है
(रचना-तिथि:---05-06-1993 )
पहले भी में तन्हा था
जवाब देंहटाएंअब भी कौन साथ है
बहुत ही बढ़िया लिखा है आपने ....
इसे भी पढ़े :-
(आप क्या चाहते है - गोल्ड मेडल या ज्ञान ? )
http://oshotheone.blogspot.com/2010/09/blog-post_16.html
बहुत सुन्दर रचना , ...!!!.
जवाब देंहटाएंअथाह...
!!!